Ladakh ke log kya pahanate hain:लद्दाख  कश्मीर  के  क्षेत्र  में  पड़ता  है।  कश्मीर काफी खूबसूरत जगह है जिसे लोग देखने जाते है। कश्मीर में  बहुत सारे सिनेमा का भी सूट होता है।  कश्मीर  में  ठण्ड होता है। कश्मीर  काफी सुन्दर  शहर है।  लद्दाख  कश्मीर  के आस -पास  है।  और  लद्दाख में  भी बहुत ठण्ड होता है।

गोंचा  लद्दाख  का  कपड़ा  है।  जो काफी ठण्ड के  समय  में इसका उपयोग किया  जाता है। लद्दाख के पुरषो का पहनावा अलग होता है। वहाँ के पुरष लम्बे कोट पहनते है।

Ladakh ke log kya pahanate hain

1 टीपी :Ladakh ke log kya pahanate hain

 

लद्दाख के लोग एक टोपी पहनते है। जो टोपी अपने किसी समारोह में लोग  पहनते  है। लद्दाख के लोग खास पर्व -तोहार  पर ये टोपी पहनते है। इस टोपी को खासकर बोध कम्युनिटी  के लोग खास मौका पे पहनते है। इस टोपी को पहने का अपना एक अलग तरीका होता है।

इस  टोपी को लोग अपने सर के ऊपर  में पहनते है। जब ये टोपी पहनते है तो सर के का बुरा भाग इस  टोपी से ढका नहीं  होता है। और टोपी सर के ऊपरी पर  में पहना जाता है। जब इस बात पे गौर करेगे तो इस  टोपी बनाते समय  तिबि ब्रेकेड का इउपयोग  किया जाता है।

 टोपी को स्टेटमेंट फैशन के तोर पे पहना जाता है। लद्दाख में खास अवसरों पर महिला और पुरुष दोनो ये टोपी पहनते है। महिला और पुरुष के टोपी अलग -अलग होते है।

2 परक :लदखी हैडड्रेस्स 

 

हर एक राज्य का अलग -अलग दुल्हन का पोशाक होता है। वैसे ही लद्दाख में दुल्हन का पोशाक परक है। इस का बनावट मूंगा ,गोले और अन्य गोले पत्थरो से तैयार  है। इस पोशाक को पहने का एक अलग तरीका होता है।

इसे दुल्हन के सर पर रखा जाता है। या  सर के ऊपर  दोनो तरफ फैला दिया  जाता है । दुल्हन के सर से ले कर निचे तक लगभ सर के बाल तक रहता है।

ये परक एक बेशकीमित ड्रेस  होता है जिसे परिवार का  एक बेशकीमित  संबती या  गहना  माना  जाता  है। जो परिह दर परिह जाता है।

माँ का  परक है तो उसकी बेटी को उस  के शादी के समय दे दिया जाता है।  जब वो दुल्हन बनती है। ये माँ से बेटी को विराशत के में एक  तोफा के तोर पर देते है

जब परक बनता है। परक के  किनारा को सजाने के लिए लद्दाख  का  लोग चाँदी और मूंगा का उपयोग  करते है। इसे इस्तेमाल करने पर परक और आकर्षित लगता है

3 पाबु (जूता ):Ladakh ke log kya pahanate hain

 

वहाँ के लोग एक खास तरीके का जूता पहनते है जिसे पाबु कहाँ जाता है। यहाँ के  लोग इस जुते को अपने लिए खरो में ही बनाते है। पारम्परिक रूप से पाबु जूता बनाया जाता है।

घर  में  उपयोग  करने के  लिए पैरों को सर्दी मौसम में गर्म रखने  के लिए तैयार  किया जाता है। इस जूते को बनाने का एक अच्छा तरीका है जिसे पहने पे सर्दी से लोग बचते है।

लद्दाख में  लोग यक के बाल  और  ऊन  से इस  जूते को बनाते है।  पाबु  को अच्छा दिखने के लिए  विभन्न रंग से पाबु को बनाया जाता है जिस से आकर्षिक दिखता है।

4  :कोस कर :Ladakh ke log kya pahanate hain

 

चीन सिमा के पास जो लोग रहते है उसे चंग पास कहाँ जाता है। लद्दाख में एक जनजाति है जो विभिन्न ,परम्पराओ और भेषभूसा को मानती है। कोस कर इनलोग का पहचान है.

कोस  कर पहन कर  वहाँ   के लोग बाकियों से अलग होता है। ये पोषक भेड़ के ऊन  से बनता है। इस कपड़ा  को  पहने से लोग ठण्ड से बचते है। इस के साथ पहने वाले जूता भी भेड़ के ऊन  से बनता है जो ठण्ड के मौसम के लिए अच्छा होता है।

5 गोंचा और सुलमा :Ladakh ke log kya pahanate hain

 

गोंचा एक  कोट  जैसा  वस्त्र  है  जिसे  ऊन ,मखमल ,कपास से बनाया जाता है।  जो  लद्दाख के पुरुष पहनते है। आमतोर पर इस पोषक का रंग काल ,मिट्टी रंग का होता है लेकिन शादी में पहने वाले गोंचा का चमकीले रंग से बनाया जाता है।

नेपाल और भूटान में गोंचा रेशम और मखमल से गोंचा बनाते है । भूटान और  नेपाल  के लोग हलके गोंचा पहना पसंद करते है।उहाँ के बूढ़े लोग ऊन  से बने गोंचा को पहना पसंद करते है।

सुलमा  वहाँ के महिला के लिए  होता  है। महिला के लिए  सुलमा  को चमकीला बनाया  जाता है। सुलमा ऊन ,मखमल ,रेशम से बना होता है। इस पोषक को बांधने के लिए कमर के चारो और चमकीली रंग के धाका  उपयोग किया जाता है।

सुलमा  को इस तरह बनाया जाता है।  सुलमा एक आकर्षक गोअन के तरह दिखता है। डिज़ाइनर  सुलमा  विवाहित महिला के लिए तैयार  किया जाता  है।

6  योगर और लोकपा :Ladakh ke log kya pahanate hain

योगर और लोकपा टोपी है। लद्दाख के  महिला इसे  पहनती है। योगर से  महिला  अपने कंधो को ढकति  है ।ऊन  से बनाया जाता है। इस  से  लोग को ठण्ड कम लगता है।

योगर को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इस  पे  रेशम और  कपास का इस्तेमाल  किया जाता है। योगर का इस्तेमाल खास अवसरों पर किया है।  शादी के माहौल में लोग योगर को पहनते है। जो खास  तोर पर तैयार होता है।  शादी में पहने जाने वाले योगर काफी खास  होता है। खास  योगर को आकर्ष भी बनाया जाता है।

7  सर्पो टीपी :Ladakh ke log kya pahanate hain

ये एक टाइप का टोपी है।  लद्दाख  के  लोग ठण्ड के मौसम में पहनती है। सर्द के मौसम में सर को गर्म रखने के लिए उपयोग  किया जाता है।

8  काउ :Ladakh ke log kya pahanate hain

 

काउ  चाँदी और सोना से  तैयार किया हुआ  आभूषण है। ये शादी के बाद दुल्हन का कीमती आभूषण होता  है। इस को पत्थरो, मोती से बनाया जाता है। लद्दाख में दुल्हन इसे  पहनती है।

लद्दाख कि भाषा क्या है। (Ladakh ka bhasha kya hai )

 
लद्दाख में लोग तिब्बती भाषा बोलते है।
 

लद्दाख के लोग ऊनि कपड़े किस लिए  पहनते है।Ladakh ke log kya pahanate hain

लद्दाख में  ठण्ड होता है।  जिस  से वहाँ के लोग  गर्म कपड़े पहनते है। दूर -दूर से लोग यहाँ  घूमने आते है।
 
लद्दाख के परम्परा और रिवाज अलग है।  जिस के कारण अलग -अलग राज्य से  लोग   वहाँ घूमना  पसंद करते है।  लद्दाख  के खान-पान   और पोशाक काफी अच्छे होते है जिस के वजय से लोग काफी घूमना पसंद करते है। लद्दाख  घूमने  का  खास वजय मौसम होता है।
 

लद्दाख में क्या  खेती होती है।Ladakh ke log kya pahanate hain

 
Ladakh ke log kya pahanate hain:लद्दाख में हमेशा ठण्ड का  मौसम होता है। जिस के वजय से लोग लद्दाख में गेंहू  और  राजमा लगाना पसंद करते है। वहाँ के लोग तरबूज भी लगाते है।
 
लद्दाख का तापमान कम होता है जिस के कारण वहाँ ज्यादा सब्ज़ी नहीं उगाया जाता है। लद्दाख में टमाटर उगाया जाता है।
 
 केमिकल का उपयोग  नहीं किया जाता है।  लद्दाख  में  लोग  30 से 40 टन  फसल उगाते है। केमिकल के बदले लोग जैविक खाद का इस्तेमाल करते है।

 

 
 

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